भाजपा ने 41 सीटों पर टिकटों की घोषणा कर एक साथ कई संदेश दिए। लेकिन, एक ऐसा बड़ा संदेश भी दिया है, जिससे प्रदेश की कोर टीम के नेता अंदर से पूरी तरह से हिले हुए हैं। भाजपा ने जिन सात सांसदों को टिकट दिया है, बताया जा रहा है कि उनमें से छह के टिकटों पर तो प्रदेश की कोट टीम से चर्चा ही नहीं की । आलाकमान ने ही तय किया किसे चुनाव लड़वाना है और यह भी तय कर दिया कि किस सीट से चुनाव लड़वाना है। ऐसा कर आलाकमान ने यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी में किसे और कहां से टिकट देना है, यह अब प्रदेश नेतृत्व से जयादा आलाकमान के हाथों में है। सूत्रों के अनुसार टिकट की घोषणा के बाद कुछ दावेदारों और विधायकों ने प्रदेश की कोर टीम के प्रमुख नेताओं से इस बारे में चर्चा की तो उन्हें यह साफ कह दिया गया कि उनसे तो इन सीटों की चर्चा ही नहीं हुई। बताया जा रहा है कि सांसदों को चुनाव लड़वाने की जो थोड़ी बहुत जानकारी थी, वह प्रदेश चुनाव श्री प्रल्हाद जोशी और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह को थी । इनके पास भी बहुत ज्यादा जानकारिया नहीं थीं और न ही बहुत ज्यादा चर्चा हुईपार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार प्रदेश के सांसदों को उनकी इच्छा के अनुसार ही सीटें दी गई हैं। दीया कुमारी विद्याधर नगर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ झोटवाड़ा, किरोड़ी लाल मीणा सवाईमाधोपुर, भागीरथ चौधरी किशनगढ़ से टिकट मांग रहे थे। इन सभी को अपनी मर्जी की सीट से ही चुनाव लड़वाया जा रहा है। पहली सूची में भाजपा ने प्रदेश के कई बड़े नेताओं को भी आईना दिखाया है। कई सालों बाद सूची में यह देखने को मिला है कि उम्मीदवारों पर किसी एक नेता की छाप नहीं है।