इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश 18
दिसंबर को तय होगा सर्व का मॉडल मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान के बगल में बनी ईदगाह मस्जिद का सर्वे होगा
दावाः मस्जिद में कमल के फूल, शेषनाग की आकृति
प्रयागराज | मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और उसके ठीक बगल में बनी शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वे होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष की अपील स्वीकार करते हुए गुरुवार को यह आदेश दिया। सर्वे का काम कोर्ट द्वारा नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त करेगा। जस्टिस मयंक जैन की अदालत 18 दिसंबर को कमिश्नर्स के अदालत 18 सर्वे का मॉडल तय करेगी। अदालत ने शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के तकों को खारिज कर दिया है। हालांकि ताजा फैसले को मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है। माना जा रहा है कि कोर्ट वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद की तरह ही यहां भी वीडियोग्राफी सर्वे करा सकता है।
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान के बगल में बनी…
बता दें कि यह मामला कुल 13.37 एकड़ जमीन का है। इसमें 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर परिसर है, जबकि 2.37 एकड़ में मस्जिद बनी है। हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद अतिक्रमण है, इसे हटाया जाए। जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि उन्हें जमीन 1968 के समझौते के तहत मिली है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद 16 नवंबर को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। ज्ञानवापी परिसर जैसा विवाद: मथुरा का मामला भी वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी परिसर जैसा है। हालांकि कोर्ट के निर्देश पर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे पिछले साल 16 मई को किया जा चुका है। यहां भी सर्वे कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिश्नर की देखरेख में हुआ। मामला एक नजर में… इस विवाद में 18 याचिकाएं मथुरा कोर्ट में थीं। इन्हीं में एक याचिका श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव की ओर से हरिशंकर जैन, विष्णु जैन और रंजना अग्निहोत्री ने लगाई। इन्होंने सर्वे की मांग की। इस पर मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। बाद में हाईकोर्ट ने बाकी 17 याचिकाएं बुलाकर इस केस में जोड़ दीं। इसी से जुड़ा एक केस सुप्रीम कोर्ट में है, जिस पर 9 जनवरी को सुनवाई होगी।
हिंदू पक्ष की दलील…
• 13.37 एकड़ की पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्म स्थान परिसर है। यहीं पर कटरा केशव देव मंदिर को औरंगजेब के आदेश पर 1669-70 में तोड़कर मस्जिद बनाई गई। इसका जिक्र 16वीं सदी में लिखी गई ‘अखबारात’ में भी है।
मस्जिद की दीवारों पर कमल,
शेषनाग के चिह्न बने हैं। मस्जिद अवैध
हैं, इसे हटाने के आदेश दें। जाएं।
मुस्लिम पक्ष के तर्क… 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का हवाला
• दिया, जो किसी पूजा स्थल की धार्मिक स्थिति को 15 अगस्त 1947 की तरह बनाए रखता है।
• 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मभूमि
सेवा संघ और ईदगाह में समझौता हुआ था, जिसमें 2.37 एकड़ जमीन मस्जिद को दी गई। हालांकि बाद में संघ भंग हो गया। हिंदू पक्ष समझौते को अवैध बताता है।
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